एक बार की बात है, एक छोटी सी चिड़िया थी जिसका नाम था टिटली। वह जंगल में एक पेड़ पर रहती थी। वह बहुत ही दयालु और मददगार चिड़िया थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहती थी।
एक दिन, टिटली जंगल में उड़ रही थी कि उसे एक छोटा सा सांप दिखाई दिया। सांप बहुत ही कमजोर और भूखा लग रहा था। टिटली ने सांप को देखा तो उसे बहुत दया आई। उसने सांप के पास जाकर पूछा, “तुम क्या कर रहे हो? तुम बहुत कमजोर लग रहे हो।”
सांप ने कहा, “मैं बहुत भूखा हूं। मैं कुछ खाने के लिए खोज रही थी, लेकिन मुझे कुछ भी नहीं मिला।”
टिटली ने सांप को कहा, “चलो, मैं तुम्हें कुछ खाने के लिए लाती हूं।”
टिटली ने सांप को एक पेड़ के फल दिए। सांप ने फल खाए और उसे बहुत अच्छा लगा। उसने टिटली का बहुत धन्यवाद किया।
टिटली ने सांप से कहा, “तुम क्यों नहीं मेरे साथ रहती हो? मैं तुम्हें खाना और पानी दे दूंगी।”
सांप ने कहा, “मैं तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं। तुम बहुत दयालु हो।”
टिटली और सांप एक साथ रहने लगे। वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए। वे एक दूसरे की मदद करते थे।
एक दिन, जंगल में एक शिकारी आया। उसने टिटली और सांप को देखा तो उसे बहुत खुशी हुई। उसने सोचा कि वह टिटली और सांप को मारकर खा जाएगा।
शिकारी ने अपनी बंदूक निकाली और टिटली पर निशाना साधा। तभी सांप ने शिकारी के पैर पर काट लिया। शिकारी चिल्लाया और बंदूक गिरा दी।
टिटली और सांप ने शिकारी को भागते हुए देखा। वे दोनों बहुत खुश हुए। उन्होंने एक दूसरे को गले लगाया।
टिटली ने सांप से कहा, “तुमने मेरी जान बचाई। तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो।”
सांप ने कहा, “मैं हमेशा तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार रहूंगी।”
टिटली और सांप हमेशा एक दूसरे की मदद करते रहे। वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त रहे।
सीख: हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए। दूसरों की मदद करने से हमें अच्छा लगता है और दूसरों को भी अच्छा लगता है।
अंत :- आशा है कि आपको यह कहानी पसंद आई होगी।
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