संघर्ष से सफलता की कहानी
एक छोटे से गांव में एक गरीब परिवार में एक लड़की का जन्म हुआ। लड़की का नाम सुमन रखा गया। सुमन के माता-पिता बहुत मेहनती थे। वे खेती करके अपना गुजारा करते थे। सुमन बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार थी। वह हमेशा अपने माता-पिता से कहती थी कि वह डॉक्टर बनना चाहती है।
सुमन की पढ़ाई के लिए उसके माता-पिता को बहुत संघर्ष करना पड़ा। गांव में अच्छी शिक्षा के लिए साधन नहीं थे। इसलिए सुमन को शहर में रहकर पढ़ाई करनी पड़ी। सुमन के माता-पिता ने उसे शहर में भेजने के लिए अपने खेत बेच दिए।
सुमन शहर में रहने लगी। उसे पढ़ाई के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी। वह दिन-रात पढ़ती थी। उसे कभी-कभी अपनी भूख भी भूल जाती थी। वह केवल एक ही बात सोचती थी कि वह डॉक्टर बनकर अपने माता-पिता की सारी परेशानियों को दूर करेगी।
सुमन की मेहनत रंग लाई। वह अपनी पढ़ाई में अव्वल रही। उसने मेडिकल की परीक्षा में बहुत अच्छे अंक प्राप्त किए। उसे एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल गया।
सुमन ने मेडिकल की पढ़ाई पूरी की। वह एक अच्छी डॉक्टर बन गई। वह अपने गांव में अपना क्लिनिक खोली। वह गरीबों को मुफ्त में इलाज करती थी।
सुमन की सफलता से उसके माता-पिता बहुत खुश हुए। उन्होंने सुमन की मेहनत और लगन की सराहना की। सुमन ने अपने संघर्षों से सफलता की कहानी लिखी। उसकी कहानी से सभी को प्रेरणा मिली।
सुमन की सफलता का मूल मंत्र था
- मेहनत
- लगन
- दृढ़ संकल्प
- अपने लक्ष्य से कभी न हारना
सुमन की कहानी से यह सीख मिलती है कि अगर हम अपने लक्ष्य पर दृढ़ रहें और मेहनत करें तो हम किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं।
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