रानी नाम की एक तेजस्वी लड़की थी। रानी को पढ़ाई से ज्यादा तो अंतरिक्ष के बारे में जानने का शौक था। रात के वक्त वह तारों को गिनती और दूर के ग्रहों के बारे में सपने देखती थी. एक दिन स्कूल में अंतरिक्ष यात्री आर्या मिश्रा आने वाली थीं! रानी खुशी से झूम उठी।
आर्या मिश्रा ने अंतरिक्ष की अद्भुत तस्वीरें दिखाईं और वहाँ के रहस्यों के बारे में बताया। रानी ने पूछा, “मैडम, क्या हम सच में दूसरे ग्रहों पर जा सकते हैं?”
आर्या मिश्रा ने मुस्कुराकर कहा, “रानी, ज़रूर जा सकते हैं! लेकिन इसके लिए हमें बहुत कुछ सीखना होगा. गणित, विज्ञान, टेक्नोलॉजी – ये सब मिलकर ही हमें अंतरिक्ष तक पहुँचाएंगे!”
रानी ने मन ही मन ठान लिया कि वह एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनेगी और ग्रहों के भेद खोलेगी। अगले दिन से ही रानी ने पढ़ाई में पूरी लगन लगा दी। जटिल सवालों को भी वह आसानी से सुलझाने लगी।
कुछ साल बाद रानी बड़ी हो गई। उसने अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई पूरी की और अंतरिक्ष यान बनाने वाली टीम में शामिल हो गई। सालों की मेहनत के बाद आखिरकार वह दिन आया, जब रानी खुद अंतरिक्ष यान में सवार होकर नये ग्रह की खोज के लिए निकली!
सीख: यह कहानी हमें बताती है कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और लगन बहुत जरूरी है। अगर हम ठान लें तो कुछ भी हासिल कर सकते हैं, चाहे वो अंतरिक्ष की सैर ही क्यों ना हो!
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