रानी चंपा और जादुई आम: एक बार की बात है, एक खूबसूरत राजकुमारी थी जिसका नाम रानी चंपा था। वह अपने दयालु दिल और हंसमुख स्वभाव के लिए जानी जाती थी। उसका राज्य हरा-भरा था, लेकिन एक समस्या थी – बारिश नहीं हो रही थी। सूरज बेरहमी से जल रहा था, नदियां सूख रही थीं, और फसलें मुरझा रही थीं।
रानी चंपा हर रोज भगवान से बारिश के लिए प्रार्थना करती थी। एक रात, उसने एक सपना देखा, जिसमें एक बूढ़ी महिला ने उससे कहा, “जादुई आम के पेड़ को ढूंढो, जो दूर, पहाड़ों के पीछे छिपा है। उसका एक फल खाओ और तुम्हारे राज्य में फिर से बारिश होगी।”
सुबह होते ही, रानी चंपा ने अपने सबसे भरोसेमंद नौकर, रामू को बुलाया और उसे सपने के बारे में बताया। उन्होंने एक लंबी और खतरनाक यात्रा शुरू की, पहाड़ों को पार किया, जंगलों से गुजरे, और नदियों को पार किया। रास्ते में, उन्होंने एक बूढ़ा साधु से मुलाकात की, जिसने उन्हें सलाह दी, “हमेंेशा मददगार बनो और कभी हार मत मानो।”
आखिरकार, कई दिनों की यात्रा के बाद, उन्हें एक अद्भुत पेड़ मिला जो सोने जैसी पत्तियों और चमकते आमों से लदा था। रानी चंपा जानती थी कि यह जादुई पेड़ ही था। लेकिन पहरे पर एक डरावना राक्षस खड़ा था।
रामू डर गया, लेकिन रानी चंपा ने उसे याद दिलाया कि साधु ने क्या कहा था। वह राक्षस के पास गई और विनम्रता से उससे एक आम मांगा। राक्षस उसकी दया से प्रभावित हुआ और उसे एक आम दे दिया।
रानी चंपा और रामू खुशी-खुशी अपने राज्य लौट आए। रानी ने आम खाया और तुरंत ही आसमान में बादल छा गए। भारी बारिश हुई, जिसने सूखी जमीन को सींच दिया और फसलों को नई ज़िंदगी दे दी। राज्य में एक बार फिर खुशहाली लौट आई।
रानी चंपा ने सीखा कि दया, साहस और दृढ़ संकल्प किसी भी चुनौती का सामना करने में मदद कर सकते हैं। उसने अपने राज्य पर हमेशा दया और न्याय से शासन किया, और लोग उसे रानी चंपा, दयालु रानी के नाम से पुकारते थे।
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