पुरानी हवेली की कहानी | Bhoot ki Kahani in Hindi
एक गाँव में बहुत समय पहले की बात है। वहाँ एक पुरानी हवेली थी जिसे सुनसान कहा जाता था। लोग कहते थे कि उस हवेली में भूत रहता है।
एक रात, एक युवक ‘राहुल’ उस हवेली के पास से गुजर रहा था। उसने उस हवेली की ओर देखा और वहाँ रोशनी नहीं थी। फिर उसने अपनी टॉर्च जलाई और हवेली की तरफ देखा।
सुनसानी हवेली में अजीब महसूस हो रहा था। राहुल का दिल धड़कने लगा। वह बाहर से घर की भीतर बढ़ा और वहाँ पहुंचते ही उसने एक भूतिया आवाज सुनी।
“कौन है?” राहुल ने धीरे से पूछा।
वहाँ से आवाज आई, “मैं एक भूत हूँ।”
राहुल को डर लगा, लेकिन उसने अपनी हिम्मत जुटाई और पूछा, “तुम्हें यहाँ क्यों रहना पसंद है?”
भूत ने बताया, “मैं यहाँ अकेला हूँ, मेरा यही निवास है। मुझे इस हवेली से बहुत प्यार है।”
राहुल ने भूत से कहा, “क्या तुम दुनियादारी छोड़कर अपनी आत्मा को मुक्ति नहीं दिला सकते?”
भूत ने दुखी अंदाज में कहा, “मैं यहाँ सजीव होने के बावजूद अकेला हूँ, मुझे आत्मा की शांति नहीं मिल रही।”
राहुल ने उससे वादा किया कि वह उसकी मदद करेगा। उसने पंडित को बुलाया और हवेली में पूजा करवाई।
जब पंडित ने पूजा पूरी की, तो भूत का रूप धीरे-धीरे विलीन होता चला गया। भूत ने राहुल को धन्यवाद कहा और आत्मा की शांति पा ली।
वह हवेली फिर से सुनसान नहीं रही, और उस जगह पर अब किसी को डरने की बात नहीं होती थी।
वहीं, उस दिन के बाद से उस हवेली में रौशनी की किरणें फिर से आनी शुरू हो गईं। लोग अब फिर से उस हवेली को सकून की जगह मानने लगे। राहुल ने उस भूत की मदद करके अच्छाई की जीत हासिल की थी।
इसके बाद, उस गाँव में किसी ने भूत के बारे में कुछ सुना नहीं। वहाँ का माहौल अब फिर से खुशहाल था। राहुल ने सबको बताया कि डरने के बजाय हमें अपनी ताकत और साहस दिखाना चाहिए।
हर रात, जब वह उस हवेली के पास से गुजरता, तो उसे एक अच्छी फीलिंग होती थी। वह सोचता था कि जब तक हम डर को अपने मन से निकाल नहीं देते, हम अपनी सच्ची ताकत का अनुभव नहीं कर सकते।
और उस भूत की कहानी गाँव में अब एक पुरानी याद बन गई थी। लोग उसे सुनाते और बताते रहते थे, लेकिन अब वह कहानी डरावनी नहीं, बल्कि एक सीख भरी कहानी बन चुकी थी।
Read More:-