मेहनत और सपनों की ऊँचाई हिंदी कहानी | Bedtime Story in Hindi
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक छोटा सा बच्चा रहता था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन बहुत ही प्रशिक्षित और समझदार बच्चा था। उसके माता-पिता ने उसे सदैव ईमानदारी और मेहनत करने का सिखाया था।
एक दिन, अर्जुन अपने दादाजी से मिलने गाँव के अंत तक चला गया। दादाजी ने उसे बहुत सी कहानियों से सिखाया और उसे एक खास कहानी सुनाई।
कहानी एक गहरे जंगल की है, जहाँ एक छोटा सा बंदर रहता था। वह बंदर बहुत ही उत्साही और मेहनती था। उसका सपना था कि वह जंगल का सबसे ऊँचा पेड़ चढ़े।
बंदर ने बहुत मेहनत की और दिन-रात लगातार काम किया। वह बहुत सारे मुश्किलों का सामना करता रहा, परंतु उसने कभी हार नहीं मानी। अब तक, बंदर ने बहुत ऊँचे पेड़ों को चढ़ा लिया था, परंतु उसका सपना अभी भी बाकी था।
एक दिन, बंदर ने अंधेरे में भी मेहनत करना शुरू किया। वह बहुत ही सावधानी से हर कदम से गुजरता रहा। उसने अचानक एक बहुत ऊँचे पेड़ की चोटी देखी और वहां पहुंचने का सोचा।
बंदर ने चोटी तक पहुंचने के लिए सभी कठिनाईयों का सामना किया और अपना सपना पूरा किया। वह गहरे जंगल की सबसे ऊँची चोटी पर पहुंचकर बहुत खुश हुआ।
दादाजी ने अर्जुन से कहा, “बेटा, यह कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, उत्साह और सावधानी से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। अगर तुम मेहनत करोगे और कभी भी हार नहीं मानोगे, तो तुम भी अपने सपनों को पूरा कर सकते हो।”
अर्जुन ने इस कहानी से बहुत कुछ सीखा और वह भी अपने सपनों की पूर्ति के लिए मेहनत करने का निर्णय लिया। वह अपने माता-पिता के साथ वापस गाँव लौटा और मेहनत में जुट गया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मेहनत, उत्साह और सावधानी से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं और अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।
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