एक रात की बात है, जब एक गाँव में एक भूतिया हवेली थी। उस हवेली में हमेशा चमकीली रातों में अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देती थीं। लोग कहते थे कि वहाँ किसी भूतिया आत्मा का वास था।
गाँव के बच्चे बहुत खोज में थे कि वह आवाजें कहाँ से आती हैं। एक रात, तीन दोस्त ने मिलकर हवेली में जाने का निर्णय किया। धीरे-धीरे वे हवेली की तरफ बढ़े। अंधेरे में वे बहुत डरे हुए थे, परन्तु उनकी जिज्ञासा भी उन्हें अंदर ले आई।
हवेली के अंदर, वे बड़ी रोशनी और ध्वनि के साथ चमकती आँखों से सामना किया। वहाँ एक पुरानी पुस्तक पड़ी हुई थी। वे पुस्तक को खोलकर देखने लगे। पुस्तक में था वो राज जो हवेली के भूत के पीछे था।
रात बीत गई और वे तीनों वापस अपने घर गए, परन्तु उन्होंने सोचा कि भूतिया वो हवेली ही नहीं, बल्कि उसमें छिपी कहानी में था।
वे तीनों दोस्तों ने उस पुरानी पुस्तक के बारे में और अधिक जानने का निर्णय किया। वे जानना चाहते थे कि वह भूतिया हवेली में क्या रहस्य था जिसने उसे भूतिया बना दिया।
अगली रात, वे फिर से हवेली में पहुंचे और पुस्तक को ध्यान से पढ़ने लगे। पुस्तक में लिखा था कि वहाँ एक शानदार गुप्त खजाना छिपा हुआ है। लेकिन उस खजाने की रक्षा के लिए एक चाबी की जरुरत होती है, जो कि वहाँ के विभिन्न कोनों में छिपी हुई है।
तीनों दोस्तों ने मिलकर वो चाबी ढूंढने का निर्णय किया। उन्होंने हवेली के हर कोने में खोज की, और अंत में वो चाबी मिली। वे चाबी की मदद से गुप्त खजाने को खोले और वहाँ बहुत सारा धन और गहने पाए।
उस दिन से वे तीनों दोस्त अमीर बन गए। और भूतिया हवेली के रहस्य को सुलझा कर उन्होंने साबित किया कि कभी-कभी डरावने चीजों के पीछे छिपी खुशियाँ भी होती हैं।