एक जंगल में एक छोटा सा खरगोश रहता था। उसके पास एक अच्छा दोस्त था, जो कि एक सुरक्षित स्थान में रहता था, जो उसे जंगली जानवरों से बचाने के लिए मदद करता था। एक दिन, जंगल में एक बड़ा शेर आया। खरगोश को डर लगा कि शेर उसे खा जाएगा। लेकिन उसका दोस्त ने उससे कहा, “डरो मत, मैं हूँ यहाँ। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।”
शेर ने खरगोश को देखा और उससे बोला, “तुम मेरा बैकअप क्यों हो? मैं भूखा हूँ और मुझे खाने की तलाश है।”
खरगोश ने शेर से कहा, “आप मुझसे क्यों खाते हो? मैं तो छोटा हूँ और आप बड़े हैं।”
शेर ने उससे कहा, “हाँ, तुम छोटे हो, लेकिन हर कोई मेरी बात नहीं मानता। मैं तुम्हें खा जाऊंगा।”
तब उसका दोस्त उसे याद दिलाया, “बहादुरी और सहानुभूति की मिसाल दोनों में है। तुम्हारा यह दौर बहुत महत्वपूर्ण है।”
खरगोश ने शेर को ध्यान दिलाया, “हम सबका दिल और भावनाओं का अहम हिस्सा है। हम सभी को एक साथ रहकर जीना चाहिए।”
शेर ने उसकी बात मानी और उसे छोड़ दिया। खरगोश और उसका दोस्त फिर से खुशी-खुशी अपनी जगह पर वापस चले गए।
खरगोश और उसका दोस्त जंगल में वापस चले गए। उनकी दोस्ती ने उन्हें जीवन की महत्ता को समझाया। वे हमेशा एक-दूसरे के साथ रहते थे और एक-दूसरे की मदद करते थे।
जंगल में एक और घटना हुई, जिसने सबको चौंका दिया। एक दिन जंगल में भयानक आग लग गई। सभी जानवर बहुत डरे हुए थे और भागने लगे। खरगोश और उसका दोस्त भी भागने लगे, लेकिन फिर उन्होंने सोचा कि वे जंगल में फंस जाएंगे। इसलिए उन्होंने एक साथ काम करना फैसला किया।
खरगोश और उसका दोस्त मिलकर एक छोटे से नदी तक पहुंचे। वहां पर पानी की एक छोटी सी छलांग में वे दोनों नदी के पानी को छिड़ककर आग को बुझाने लगे। उनका साथी जंगली जानवरों ने भी मदद की और एकजुट होकर वे सबने मिलकर आग को बुझा दिया।
जब आग बुझ गई, तो सभी जानवर खुश हो गए। उनकी साझेदारी ने उन्हें समझाया कि जब हम मिलकर काम करते हैं, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।
इसके बाद से, जंगल में सभी जानवरों के बीच में एक नया बंधन बन गया। वे सभी मिलकर एक-दूसरे की मदद करते और एक साथ जंगल की सुरक्षा में सहायता करते।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि जब हम साथ मिलकर काम करते हैं, तो हमारी शक्ति बढ़ जाती है और हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।
Read More Stories:-