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- होली रंगों का खूबसूरत त्योहार है, जो भाईचारे और खुशियों का प्रतीक है।
- यह बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है, भक्त प्रह्लाद की कहानी के जरिए।
- होलिका दहन की रात अग्नि जलाकर बुराई का नाश किया जाता है।
- अगले दिन लोग रंग, गुलाल और पिचकारी से एक-दूसरे को रंगते हैं और मिठाई खाते हैं।
- यह त्योहार सभी धर्मों और जातियों के लोगों को एक साथ लाता है।
- बच्चे इस दिन खूब रंग लगाते हैं और ढेर सारी मस्ती करते हैं।
- होली खुले दिल से माफी मांगने और गिले-शिकवे भुलाने का भी अवसर है।
- यह त्योहार हमें प्रेम, सद्भाव और सहिष्णुता का संदेश देता है।
- होली के रंग ढेर सारी खुशियां लेकर आते हैं और आपसी रिश्तों को मजबूत बनाते हैं।
- आइए हम सब मिलकर होली का त्योहार सौहार्द और प्रेमपूर्वक मनाएं।
रंगों का उत्सव – होली – होली पर निबंध 300 Words
भारत के विविध रंगों की तरह ही होली भी एक ऐसा खुशनुमा त्योहार है, जो हमारी संस्कृति की समृद्धि को दर्शाता है. फागुन की रंगत के साथ आने वाला होली का पर्व खुशियों, प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, होली बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है. यह हमें हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कहानी याद दिलाता है, जहाँ भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने नृसिंह का रूप धारण कर अत्याचारी हिरण्यकश्यप का वध किया था. होलिका दहन की रात इसी बुराई के नाश का प्रतीक माना जाता है, जहाँ लोग घरों के बाहर अलाव जलाते हैं.
अगले दिन धुलंडी के रूप में होली का मुख्य उत्सव मनाया जाता है. सड़कें रंगों से सराबोर हो जाती हैं. बच्चे, युवा और बड़े सभी एक-दूसरे को रंग, गुलाल और पिचकारी से रंगते हैं. घरों में स्वादिष्ट पकवान बनते हैं और मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं. होली किसी धर्म या जाति का त्योहार नहीं है, बल्कि यह खुशियों का ऐसा समंदर है, जहाँ हर कोई डूबकर आनंद लेता है.
यह त्योहार हमें अपने गिले-शिकवे भुलाकर नये सिरे से रिश्ते बनाने का अवसर देता है. खुले दिल से माफी मांगने और रिश्तों में मिठास घोलने का पर्व है होली. ढेर सारी रंगीन हँसी के साथ होली हमें प्रेम, सद्भाव और सहिष्णुता का संदेश देता है.
आइए हम सब मिलकर धर्म, जाति और उम्र के भेदभाव को भुलाकर इस रंगों के उत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाएं और अपने जीवन में भी खुशियों के रंग भरें.