एक समय की बात है, जब एक छोटे से गांव में बहुत सारी परियां रहती थीं। वे सभी बड़ी दयालु और मददगार थीं। गांववाले उन्हें बहुत पसंद करते थे और उनकी मदद से बहुत सारी मुश्किलें आसानी से हल हो जाती थी।
एक दिन, गांव के पास के जंगल में एक बड़ा जलस्रोत (झील) था। वहां का पानी बहुत ही क्रिस्टल क्लियर था। परियों ने सोचा कि वे जलस्रोत को साफ सुथरा कर सकती हैं ताकि जंगल के जीवन को और भी बेहतर बनाया जा सके।
परियों ने मिलकर मेहनत की और वहां की मधुर जलस्रोत को साफ करने लगीं। वे पूरी ईमानदारी से और लगन से काम कर रही थीं।
लेकिन उन्हें पता नहीं था कि जलस्रोत की सफाई करते समय वे एक चरण तक पहुंच गई थीं, जहां एक बड़ा राक्षस रहता था। राक्षस नाराज़ हो गया और परियों को देखकर उनसे बोला, “तुम मेरे आने से पहले मेरे झील को क्यों साफ कर रही थीं?”
परियों ने डर के बावजूद नहीं हार मानी और राक्षस को समझाया कि वे बस जंगल के हर जीव की मदद करने की कोशिश कर रही थीं। उन्होंने कहा, “हमने आपकी झील को साफ किया ताकि जंगल के सभी प्राणियों को एक स्वच्छ और सुरक्षित जगह मिले।”
राक्षस ने इन परियों की सीख को समझा और उन्हें धन्यवाद दिया। वह बड़े ही दिल से खुश हुआ कि कोई उसकी जीवनदायिनी झील की देखभाल कर रहा था। राक्षस ने उन्हें बड़ा बधाई देकर उनके साथ मित्रता बढ़ाई।
इस तरह, परियों ने अपनी दया और सहायता के साथ न केवल जंगल के जीवन को बेहतर बनाया बल्कि एक डरावने राक्षस को भी दोस्त बना लिया।
परियों की कहानी No. 2
बस एक बार की बात है, जब एक परी नामक लड़की अपने जादुई जगह में खेल रही थी। उसकी आँखों में सपनों की दुनिया बसी थी।
एक दिन, जब वह अपनी पसंदीदा झाड़ियों के पास बैठी थी, तभी वहें एक चिड़िया उसके पास आई। चिड़िया थोड़ी चिंगारीली थी और बोली, “हेलो, क्या तुम मुझे एक जदुई विशेष वस्त्र बना सकती हो?”
परी को बहुत अच्छा लगा कि कोई उससे कुछ मांग रहा है। वह चिड़िया की मदद करने को तैयार थी। वह बोली, “बिल्कुल, मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूँ।”
परी ने जल्दी से अपनी जादुई नौसरंगी बुनाई शुरू की। वह नौसरंगी की धागा उड़ाया और जल्द ही वह चिड़िया के लिए एक आकर्षक वस्त्र बना डाला। चिड़िया बहुत खुश थी और उसने परी को धन्यवाद कहा।
इसके बाद, चिड़िया ने परी को अपने जादुई दुनिया में बुलाया और उसे अपनी सच्ची मित्रता का प्रमाण दिया। वे दोनों मिलकर हर रोज़ नई नई मस्तीयाँ करते थे।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें दूसरों की मदद करने का अवसर कभी नहीं छोड़ना चाहिए। अगर हम दया और मदद के साथ किसी की सहायता करते हैं, तो वह हमारी सच्ची मित्रता और प्यार को बढ़ावा देता है।
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