एक बार की बात है, एक छोटी सी चिड़िया थी जिसका नाम था टुनटुन। टुनटुन एक बहुत ही प्यारी चिड़िया थी। वह हमेशा खुश रहती थी और अपने आसपास के सभी जीव-जंतुओं से प्यार करती थी।
एक दिन, टुनटुन अपने घर के पास एक पेड़ पर बैठी थी। तभी उसे एक छोटा सा बच्चा रोते हुए दिखाई दिया। बच्चा एक तालाब के किनारे खड़ा था और उसके हाथ में एक छोटी सी मछली थी। मछली मर चुकी थी और बच्चा बहुत दुखी था।
टुनटुन ने देखा कि बच्चा मछली को वापस तालाब में डालने की कोशिश कर रहा है। लेकिन मछली बहुत भारी थी और बच्चा उसे नहीं उठा पा रहा था।
टुनटुन ने बच्चा की मदद करने का फैसला किया। वह उड़कर बच्चा के पास गई और मछली को उसके हाथ से ले ली। फिर उसने मछली को तालाब में डाल दिया।
मछली को तालाब में देखकर बच्चा बहुत खुश हुआ। उसने टुनटुन को धन्यवाद दिया और कहा, “तुम बहुत अच्छी हो, टुनटुन। तुमने मेरी मछली को बचा लिया।”
टुनटुन भी बहुत खुश हुई कि उसने बच्चे की मदद कर पाई। उसने बच्चे से कहा, “यह मेरा सौभाग्य था कि मैंने तुम्हें रोते हुए देखा। मैं कभी किसी की मदद करने से पीछे नहीं हटती।”
बच्चा और टुनटुन दोस्त बन गए। वे अक्सर एक-दूसरे से मिलने जाते थे और बातें करते थे। टुनटुन को बच्चे की दोस्ती बहुत पसंद थी।
अगले कुछ दिनों में, टुनटुन और बच्चा हर दिन तालाब के पास मिलने जाते थे। वे एक दूसरे से तरह-तरह की बातें करते थे और एक दूसरे को अपनी कहानियां सुनाते थे। टुनटुन को बच्चे के साथ बहुत मजा आता था और बच्चा भी टुनटुन के साथ बहुत खुश था।
एक दिन, बच्चा टुनटुन को एक नई मछली दिखाने के लिए तालाब में ले गया। मछली बहुत छोटी थी और अभी भी अपने पानी के टैंक से बाहर नहीं निकली थी। बच्चा मछली को तालाब में डालने के लिए तैयार था, लेकिन तभी उसकी आँखें चमक उठीं।
“टुनटुन,” उसने कहा, “मेरी मछली के लिए एक घर बनाना चाहोगे?”
टुनटुन उसे खुशी से हाँ कर दिया। बच्चा ने एक छोटा सा घर बनाया और उसे तालाब में डाल दिया। मछली तुरंत घर के अंदर चली गई और टुनटुन और बच्चा ने उसे देखने के लिए पास में खड़े हो गए।
“यह सबसे अच्छा घर है जिसे मैं कभी भी देख चुका हूँ,” बच्चा ने कहा।
टुनटुन ने कहा, “यह तुम्हारे प्यार से बना है, इसलिए यह सबसे अच्छा घर है।”
टुनटुन और बच्चे की दोस्ती बहुत मजबूत हो गई। वे एक दूसरे के लिए बहुत कुछ करते थे और एक दूसरे को हमेशा खुश रखते थे। उनका प्यार और दोस्ती हमेशा के लिए रहेगी।
शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए। चाहे वह छोटी सी मदद हो या बड़ी, हमें कभी भी किसी की मदद करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
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