दयालु लड़का और पक्षी हिंदी कहानी | Kids Story in Hindi
एक बार एक छोटे से गांव में एक मेहनती और दयालु लड़का रहता था जिसका नाम गोलू था। गोलू को पक्षियों से बहुत प्यार था और वह अक्सर जंगल के किनारे बैठकर उनकी ककक और चहकती आवाजें सुनता था। एक दिन, गोलू को एक सुंदर पक्षी का बच्चा दिखाई दिया। पक्षी का बच्चा अपने घोंसले से गिर गया था और घायल हो गया था। गोलू ने पक्षी के बच्चे को उठाया और साफ किया।
गोलू पक्षी के बच्चे को घर ले आया और उसे एक शांत और सुरक्षित जगह में रख दिया। वह पक्षी के बच्चे को हर दिन खाना और पानी देता था और उसके घावों को ठीक करता था। गोलू के प्यार और देखभाल से पक्षी का बच्चा जल्दी ही ठीक हो गया और उड़ना सीख गया।
एक दिन पक्षी का बच्चा गोलू से बोला, “मैं आपका बहुत शुक्रगुजार हूं कि आपने मेरी देखभाल की और मुझे ठीक किया। मैं अब आपके साथ नहीं रह सकता क्योंकि मुझे जंगल में अपने परिवार के साथ रहना है। लेकिन मैं कभी आपके बारे में भूल नहीं जाऊंगा।”
पक्षी का बच्चा गोलू के सामने से उड़ गया और एक सुंदर पेड़ की ओर चला गया। गोलू पक्षी के बच्चे को दूर तक देखने लगा, और जब पक्षी का बच्चा पेड़ के ऊपर बैठ गया तो उसने पंख फड़फड़ाए और गोलू को अलविदा कहा।
गोलू बहुत दुखी था कि पक्षी का बच्चा उससे जा रहा था, लेकिन वह भी जानता था कि वह पक्षी के बच्चे के लिए सही काम कर रहा था। गोलू ने पक्षी के बच्चे के लिए एक घोंसला बनाया और उसे पेड़ की शाखा पर रख दिया।
गोलू हर दिन पक्षी के बच्चे को देखने के लिए जंगल जाता था। वह पक्षी के बच्चे को खाना देता था और उसके साथ खेलता था। गोलू और पक्षी का बच्चा बहुत अच्छे दोस्त बन गए।
एक दिन, गोलू जंगल में घूम रहा था जब उसे एक शिकारी दिखाई दिया। शिकारी एक बंदूक से पक्षियों को मार रहा था। गोलू बहुत डरा हुआ था, लेकिन वह जानता था कि उसे कुछ करना होगा।
गोलू ने शिकारी की ओर दौड़ाया और चिल्लाया, ” शिकारी, आप पक्षियों को क्यों मार रहे हैं? वे हमारे दोस्त हैं और हमें मदद करते हैं।”
शिकारी ने गोलू को घूरकर देखा और कहा, ” ये पक्षी फसलों को खाते हैं और हमें नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए मुझे उन्हें मारना पड़ता है।”
गोलू ने कहा, ” आप गलत हैं शिकारी। पक्षी भी हमारी तरह जीवित प्राणी हैं और उन्हें मारना पाप है।”
शिकारी ने हंसकर कहा, ” तुम एक छोटा लड़का हो और तुम्हें पक्षियों की बात नहीं करनी चाहिए। मुझे कोई परवाह नहीं है कि तुम क्या कहते हो। मैं पक्षियों को मारना जारी रखूंगा।”
गोलू ने हार नहीं मानी और उसने शिकारी से पक्षियों को नहीं मारने की गुहार लगाई। गोलू ने शिकारी को बताया कि पक्षी हमें कई तरह से मदद करते हैं। वे कीटों को मारते हैं, परागण करते हैं, और हमारे मन को खुश करते हैं।
गोलू ने शिकारी को बताया कि अगर वह पक्षियों को मारता है तो वह पाप करेगा और उसे भगवान की सजा मिलेगी। शिकारी को गोलू की बातों का असर हुआ और वह पक्षियों को नहीं मारने का फैसला किया।
शिकारी ने गोलू से कहा, ” तुम सही हो छोटा लड़का। मैं पक्षियों को नहीं मारूंगा और उन्हें उनकी स्वतंत्रता दे दूंगा।”
गोलू बहुत खुश हुआ कि उसने शिकारी को समझा दिया और पक्षियों को बचा लिया। उस दिन के बाद से, गोलू जंगल में पक्षियों की देखभाल करने और उन्हें शिकारियों से बचाने के लिए हमेशा सजग रहता था। गोलू की कहानी सभी को प्रेरणा देती है कि हम सभी को पक्षियों और अन्य जीवों का सम्मान करना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए।
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