एक जंगल में एक चालाक खरगोश रहता था। वह हमेशा ही मुसीबत से बच निकलने का कोई न कोई तरीका ढूंढ लेता था। एक बार, जंगल में अफवाह फैल गई कि एक शेर शिकार पर निकला है। सभी जानवर डर के मारे अपने-अपने ठिकानों में छिप गए। लेकिन खरगोश बाहर टहल रहा था, मानो उसे कोई डर ही नहीं हो।
उसने रास्ते में एक शेर से मुलाकात की। शेर ने दहाड़ते हुए उससे पूछा, “तुम क्यों नहीं डर रहे हो?” खरगोश ने शांत स्वर में उत्तर दिया, “मैं तो राजा के दूत हूं। मुझे जंगल के सभी जानवरों को एक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाना है।” शेर हैरान हुआ और पूछा, “कौन सा संदेश?” खरगोश ने झूठ बोला, “राजा ने कहा है कि इस जंगल में रहने वाले सभी जानवर अब से शेरों के राजा हैं!”
यह सुनकर शेर बहुत खुश हुआ। उसने खरगोश से पूछा, “क्या सचमुच? तो फिर मेरा महल कहां है?” खरगोश ने जल्दी से एक गहरी खाई की ओर इशारा किया और कहा, “आपका महल इसी खाई के अंदर है। आपको वहीं जाकर अपना राज्य संभालना है।” शेर को यकीन हो गया और वह गर्व से खाई में कूद गया। इस तरह खरगोश अपनी चालाकी से शेर से बच गया।
मुझे आशा है कि आपको ये कहानियां पसंद आईं!
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