एक बार की बात है, एक छोटी सी गाँव में चम्पा नाम की एक जिज्ञासु लड़की रहती थी। उसे फूलों और पेड़-पौधों से बेपनाह प्यार था। उसके घर के पीछे एक छोटा सा बगीचा था, जहां वह घंटों खेलती, पौधों से बातें करती और उनकी देखभाल करती।
एक दिन, बगीचे में खेलते हुए, चम्पा को एक चमकती तितली दिखाई दी। तितली उसे एक अजीब सी गुफा तक ले गई, जो बगीचे के एक कोने में छिपी हुई थी। चम्पा थोड़ी डरी, लेकिन उसने अपनी जिज्ञासा पर काबू पा लिया और अंदर झांकने का फैसला किया।
गुफा के अंदर अँधेरा था, लेकिन एक हल्की सी चमक भी आ रही थी। करीब जाकर देखा तो चम्पा को एक छोटा सा पौधा नजर आया, जो चमक रहा था। पौधे में कई रंगीन पत्तियां थीं और उससे एक मीठी सी खुशबू आ रही थी। चम्पा को लगा कि यह कोई जादुई पौधा है।
चम्पा गुफा से पौधा निकालकर अपने बगीचे में लगा दिया। उसने उसकी बहुत अच्छी तरह से देखभाल की। हर रोज़ सुबह उसे पानी देती, उसके साथ बातें करती और उसे गाने सुनाती। कुछ ही दिनों में, पौधा बड़ा होने लगा और उसमें खूबसूरत फूल खिलने लगे। ये फूल किसी ने नहीं देखे थे – उनकी पंखुड़ियां इंद्रधनुषी रंगों से जगमगाती थीं और उनमें से जादुई खुशबू आती थी।
जल्द ही, चम्पा के बगीचे की खबर पूरे गाँव में फैल गई। लोग दूर-दूर से चमकते फूलों को देखने आने लगे। फूलों की खुशबू से बीमार ठीक हो जाते थे, दुखी चेहरे मुस्कुरा उठते थे और हवा खुशियों से भर जाती थी। चम्पा बहुत खुश थी कि उसका जादुई बगीचा लोगों को खुशी दे रहा था।
उसने गाँववालों को पौधों की देखभाल करना सिखाया और अपने ही बगीचे की तरह हर घर में एक छोटा सा बगीचा लगाने के लिए प्रेरित किया। कुछ ही समय में, पूरा गाँव हरे-भरे बगीचों से भर गया और खुशियों से गूंज उठा।
चम्पा की कहानी हमें सिखाती है कि जिज्ञासा और प्रेम से हम कुछ भी कर सकते हैं, यहां तक कि जादू भी बिखेर सकते हैं। हमें पौधों और प्रकृति का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वे हमें खुशी और स्वास्थ्य देते हैं। तो आप भी चम्पा की तरह अपने दिल में जिज्ञासा जगाएं और प्रकृति को प्यार करें, शायद आपको भी कोई जादू मिल जाए!
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