बहुत दूर, एक जंगल में छोटी सी चमकी नाम की जुगनू रहती थी। चमकी बाकी जुगनूओं की तरह नहीं थी। वो अपनी रोशनी से डरती थी! जब चाँद छिप जाता और दूसरी जुगनू जगमगा उठतीं, चमकी अपने पत्ते के घोंसले में छिप जाती। वो सोचती, “मेरी रोशनी बहुत तेज है, सब डर जाएंगे!”
एक रात, जंगल में बिजली चमकी और आंधी आई। पेड़ लड़खड़ाए और पक्षी चीखने लगे। छोटे खरगोश, टुनटुन, को बहुत डर लगा। वो अकेला था और रास्ता भटक गया था।
अचानक, एक छोटी सी रोशनी टुनटुन को दिखाई दी। वो चमकी थी, जो अपने डर को भूलकर बाहर निकल आई थी। टुनटुन ने पूछा, “आप कौन हैं?” चमकी डरते हुए बोली, “मैं चमकी हूँ, लेकिन मेरी रोशनी बहुत तेज है!”
टुनटुन हँसा, “नहीं, आपकी रोशनी बहुत खूबसूरत है! इस आंधी में आप मेरा रास्ता दिखा सकती हैं!” चमकी ने हिम्मत जुटाकर टुनटुन को उसके घर तक पहुंचाया। टुनटुन बहुत खुश हुआ और बोला, “आप मेरी हीरो हैं, चमकी!”
सुबह, चमकी ने देखा कि दूसरे जानवर भी उसे धन्यवाद दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उसकी रोशनी ने उन्हें आंधी में सुरक्षित रखा। चमकी को बहुत अच्छा लगा। उसे समझ आया कि उसकी रोशनी बुरी नहीं, बल्कि मददगार थी।
उस दिन से, चमकी हर रात बिना डरे जगमगाती। वो जानती थी कि उसकी रोशनी जंगल को सुंदर और सुरक्षित बनाती थी। और आप भी जानते हैं? आपकी खासियतें भी दुनिया को बेहतर बना सकती हैं। तो कभी डरो मत, अपनी रोशनी जगमगाइए और दुनिया को खूबसूरत बनाइए!
अब सो जाइए, छोटे मित्र। मीठे सपने देखें और याद रखें, आप भी अपनी रोशनी से दुनिया को रोशन कर सकते हैं। शुभ रात्रि! ✨
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