बुरी आत्मा और बहादुर रोहन | Horror Kahani in Hindi
एक छोटे से गांव के बाहर एक पुराना, जर्जर घर खड़ा था। गांव के लोग उस घर के बारे में तरह-तरह की कहानियां सुना करते थे, जिसमें भूत-प्रेतों का डर सबसे ऊपर था। बताया जाता था कि उस घर में एक बुरी आत्मा रहती है जो बच्चों को अपनी ओर खींचती है।
नए साल की रात थी, और बच्चों में उत्साह का माहौल था। वे नए साल का स्वागत करने के लिए बाहर जा रहे थे। लेकिन उस पुराने घर के खौफ से किसी को भी उस तरफ जाने की हिम्मत नहीं थी। एक छोटा लड़का था, जिसका नाम रोहन था। रोहन डरपोक नहीं था, बल्कि वह साहसी था। वह दूसरे बच्चों के डर को देखकर हैरान था।
रोहन ने अपने दोस्तों से कहा, “तुम सब डरपोक हो। मैं उस घर के अंदर जाऊंगा और देखूंगा कि क्या वहां कोई भूत है?”
रोहन के दोस्तों ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। रोहन उस पुराने घर की तरफ चल दिया।
घरा बहुत बड़ा और अंधेरा था। रोहन को रोमांच से भरी सांसें आ रही थीं। वह अंदर की ओर बढ़ता गया। वह एक बड़े हॉल में पहुंचा, जहां एक पुरानी धूल से सनी संगीत की आलमारी रखी थी। अचानक, आलमारी से एक आवाज आई, “रोहन, यहाँ आओ!”
रोहन का खून जम गया। वह डर के मारे कांपने लगा। उसने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था। वह हॉल से बाहर निकलने ही वाला था कि उसे एकदम से कोई चीज छूने लगी। उसने देखा कि एक काला, धुंधीला आकार उसके पास खड़ा था। वह बुरी आत्मा थी।
रोहन का दिल जोर से धड़क रहा था। लेकिन वह डर नहीं गया। उसने अपने आप को संभाला और बुरी आत्मा से कहा, “तुम्हें भय दिखाने के लिए कौन सा बच्चा वहां जाएगा? तुम मुझे नहीं डरा सकते!”
बुरी आत्मा को रोहन के साहस से हैरानी हुई। उसने कभी किसी बच्चे में इतना साहस नहीं देखा था। बुरी आत्मा ने रोहन से कहा, “तुम बहुत बहादुर हो, रोहन। तुमने मेरी डराने की कोशिश की, लेकिन मैं तुम्हें कभी नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा। मैं हमेशा यहां रहूंगी, लेकिन मैं किसी को नुकसान नहीं पहुंचाऊंगी।”
रोहन ने बुरी आत्मा को विश्वास दिलाया कि वह उसे कभी परेशान नहीं करेगा। बुरी आत्मा रोहन की बात मान गई और वह वहां से चली गई।
रोहन अपने दोस्तों के पास गया और उन्हें सब कुछ बताया। उसके दोस्तों को बहुत खुशी हुई कि रोहन उस बुरी आत्मा से नहीं डरा। उन्होंने रोहन को बहादुर और साहसी कहा।
उस रात, गांव के सभी बच्चे उस पुराने घर के पास जाकर रोहन की बहादुरी की तारीफ करने लगे। रोहन का नाम पूरे गांव में छा गया। वह सबके लिए एक प्रेरणा बन गया।
उसी रात, रोहन घर लौट गया। वह सो नहीं पाया। उसने बार-बार उस बुरी आत्मा के बारे में सोचा। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह बुरी आत्मा क्यों उसे नहीं डरा पाई।
अगले दिन, रोहन ने अपने दोस्तों के साथ फिर से उस पुराने घर में जाने का फैसला किया। वे उस घर के हर कोने में गए। उन्होंने उस पुरानी अलमारी को खोला और उस धूल से सनी संगीत की पुस्तकों को देखा। वे उस कमरे में गए जहां बुरी आत्मा ने उन्हें बुलाया था। उन्होंने उस काले, धुंधले आकार को खोजा, लेकिन वे उसे कहीं भी नहीं पा सके।
रोहन को लगा कि वह बुरी आत्मा से छुटकारा पा चुका है। लेकिन वह गलत था। बुरी आत्मा अभी भी वहां थी, लेकिन अब वह छिपा हुआ था। वह रोहन और उसके दोस्तों को देख रहा था, लेकिन वह उनसे बात नहीं कर रही थी।
रोहन और उसके दोस्तों ने कई दिनों तक उस पुराने घर में जाना जारी रखा। लेकिन उन्होंने कभी भी बुरी आत्मा को नहीं देखा या सुना। वे महसूस कर रहे थे कि बुरी आत्मा उनके साथ खेल रही है।
एक दिन, रोहन और उसके दोस्त उस पुराने घर में खेल रहे थे जब अचानक एक काला, धुंधला आकार उन पर आ गिरा। यह बुरी आत्मा थी। वह अब बहुत गुस्से में थी।
बुरी आत्मा ने रोहन से कहा, “तुमने मुझे परेशान कर दिया है। अब मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगी।”
रोहन और उसके दोस्त बहुत डर गए थे। वे उस पुराने घर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बुरी आत्मा उनके पीछे-पीछे भाग रही थी।
रोहन को याद आया कि बुरी आत्मा ने कहा था कि वह हमेशा उस घर में रहेगी, लेकिन वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगी। तो उसने बुरी आत्मा से कहा, “तुम मुझे नहीं डरा सकते। तुम हमेशा उस घर में रहोगी, लेकिन तुम कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाओगी।”
बुरी आत्मा को रोहन के शब्दों से कुछ आराम मिला। वह समझ गई कि रोहन उसे डराना नहीं चाहता है। बुरी आत्मा ने रोहन से कहा, “तुम बहुत समझदार हो, रोहन। तुमने मुझे समझाने की कोशिश की, और तुम सफल हो गए। अब मैं तुम्हें और तुम्हारे दोस्तों को कभी नहीं परेशान करूंगी। मैं हमेशा उस घर में रहूंगी, लेकिन मैं किसी को नुकसान नहीं पहुंचाऊंगी।”
रोहन और उसके दोस्त बहुत खुश थे। वे बुरी आत्मा से छुटकारा पा चुके थे। वे उस पुराने घर से बाहर निकल गए और कभी वापस नहीं गए।
रोहन की कहानी पूरे गांव में फैल गई। हर कोई रोहन की बहादुरी की तारीफ करता था। रोहन ने साबित कर दिया था कि डर को कभी नहीं जीतना चाहिए।
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