एक बार की बात है, एक छोटा सा गाँव था। गाँव के लोग बहुत ही गरीब थे। गाँव के पास एक जंगल था। जंगल में एक बुरी चुड़ैल रहती थी। चुड़ैल बहुत ही क्रूर थी। वह गाँव के लोगों को डराकर परेशान करती थी।
एक दिन, गाँव के एक लड़के का नाम राजू था। राजू बहुत ही साहसी था। वह चुड़ैल से डरता नहीं था। एक दिन, राजू जंगल में खेल रहा था। अचानक, वह चुड़ैल से जा मिला। चुड़ैल ने राजू को देखा और उसे पकड़ने के लिए दौड़ी।
राजू भागने लगा। चुड़ैल भी उसके पीछे भागी। राजू भागते-भागते एक पेड़ के पीछे छिप गया। चुड़ैल पेड़ के पास आई और राजू को देखने लगी। राजू ने चुड़ैल को देखा और उसे एक पत्थर फेंका। पत्थर चुड़ैल के माथे पर लगा और वह रोने लगी।
राजू ने चुड़ैल से कहा, “तुम गाँव के लोगों को क्यों परेशान करती हो?”
चुड़ैल ने कहा, “मैं गाँव के लोगों से बहुत नाराज हूँ। वे मुझे डराते हैं। इसलिए, मैं उन्हें डराकर परेशान करती हूँ।”
राजू ने कहा, “मैं तुम्हें गाँव के लोगों से माफ़ी दिलवा दूंगा। अगर तुम गाँव के लोगों को परेशान करना बंद कर दोगी।”
चुड़ैल राजू की बात मान गई। राजू ने चुड़ैल को गाँव के लोगों के पास ले गया। गाँव के लोगों ने चुड़ैल को माफ़ कर दिया। चुड़ैल ने गाँव के लोगों से वादा किया कि वह कभी भी उन्हें परेशान नहीं करेगी।
चुड़ैल ने अपना वादा निभाया। वह कभी भी गाँव के लोगों को परेशान नहीं की। गाँव के लोग चुड़ैल को माफ़ कर चुके थे। वे चुड़ैल को एक अच्छी और दयालु महिला समझने लगे।
डर के मारे कांपने वाली कहानी
एक बार की बात है, एक लड़का था जिसका नाम राहुल था। राहुल एक बहुत ही डरपोक लड़का था। वह अंधेरे से बहुत डरता था। एक दिन, राहुल अपने घर के पास खेल रहा था। अचानक, अंधेरा छा गया। राहुल बहुत डर गया। वह अपने घर भागने लगा।
राहुल भागते-भागते एक सुनसान सड़क पर आ गया। सड़क पर कोई भी नहीं था। राहुल को बहुत डर लग रहा था। उसने सोचा कि वह घर के पीछे जाकर छिप जाएगा। राहुल घर के पीछे छिप गया।
राहुल ने देखा कि एक महिला सड़क पर जा रही है। महिला बहुत ही डरावनी दिख रही थी। महिला की आँखें लाल थीं। उसके बाल बिखरे हुए थे। उसके हाथों में एक बड़ा-सा डंडा था।
राहुल को लगा कि वह महिला चुड़ैल है। वह बहुत डर गया। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं। राहुल को लगा कि वह मर जाएगा।
कुछ देर बाद, राहुल ने अपनी आँखें खोलीं। उसने देखा कि महिला वहाँ नहीं थी। राहुल बहुत खुश हुआ। वह घर भाग गया।
राहुल घर गया और अपनी माँ को सारी बात बताई। राहुल की माँ ने उसे समझाया कि वह डरपोक नहीं होना चाहिए। राहुल ने अपनी माँ की बात मानी। वह डरपोक नहीं रहा।
निष्कर्ष
चुड़ैल की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें डर से नहीं डरना चाहिए। हमें हमेशा साहसी होना चाहिए। डरपोक लोगों को हमेशा परेशान किया जाता है।