गोदान मुंशी प्रेमचंद का एक उपन्यास है जो भारतीय किसान के जीवन का एक यथार्थवादी चित्र प्रस्तुत करता है। यह उपन्यास एक ऐसे किसान होरी की कहानी है जो जीवन भर मेहनत करता है, लेकिन फिर भी ऋणग्रस्तता के बोझ से दब जाता है। अंत में, वह अपनी गाय को बेचने के लिए मजबूर हो जाता है, जो उसके लिए एक पवित्र प्राणी है।
गोदान कहानी
कहानी उत्तर प्रदेश के एक गाँव में शुरू होती है। होरी एक गरीब किसान है जो अपनी पत्नी धनिया और दो बेटों, राम और लक्ष्मण के साथ रहता है। होरी एक मेहनती किसान है, लेकिन वह हमेशा कर्ज में रहता है। उसके पास एक गाय है, जिसका नाम है गोबर। गोबर होरी के लिए एक पवित्र प्राणी है। वह उसे अपने बेटे की तरह मानता है।
एक दिन, होरी के बड़े बेटे राम की शादी हो जाती है। शादी के लिए होरी को बहुत पैसे की जरूरत होती है। वह अपने ऋणदाता, महाजन से पैसे उधार लेने की कोशिश करता है, लेकिन महाजन उसे पैसे नहीं देता है।
होरी और धनिया बहुत परेशान हो जाते हैं। वे नहीं जानते कि क्या करें। अंत में, उन्हें अपनी गाय को बेचने का फैसला करना पड़ता है।
होरी गोबर को बेचने के लिए बाजार जाता है। बाजार में, एक महाजन गोबर को बहुत कम कीमत पर खरीद लेता है। होरी को बहुत दुख होता है, लेकिन वह कुछ नहीं कर सकता।
गोदान के बाद, होरी की स्थिति और भी बदतर हो जाती है। वह और अधिक कर्ज में डूब जाता है। अंत में, वह अपनी जमीन भी बेच देता है।
होरी की कहानी एक भारतीय किसान के जीवन की एक दुखद कहानी है। यह दिखाता है कि भारतीय किसान अक्सर ऋणग्रस्तता, शोषण और गरीबी के शिकार होते हैं।
उपन्यास की विशेषताएं
- गोदान एक यथार्थवादी उपन्यास है। यह भारतीय किसान के जीवन का एक सटीक चित्र प्रस्तुत करता है।
- उपन्यास में पात्रों का चित्रण बहुत सूक्ष्म और जीवंत है। होरी, धनिया, राम और लक्ष्मण जैसे पात्र भारतीय किसान के जीवन के प्रतिनिधि हैं।
- उपन्यास में भाषा सरल और सहज है। यह उपन्यास पाठकों को भारतीय किसान के जीवन के करीब ले जाता है।
उपन्यास का महत्व
गोदान एक महत्वपूर्ण उपन्यास है क्योंकि यह भारतीय किसान के जीवन की एक सच्ची कहानी है। यह उपन्यास भारतीय समाज में किसानों की समस्याओं को उजागर करता है।
गोदान ने भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। यह उपन्यास हिंदी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में से एक माना जाता है।
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