एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब लड़के का नाम था राहुल। उसकी माता पिता नहीं थे और उसका जीवन बहुत ही कठिन था। लेकिन राहुल का सपना था कि वह एक दिन डॉक्टर बनेगा और गाँव के लोगों की मदद करेगा।
उसके पास पैसे नहीं थे और वह पढ़ाई के लिए बहुत परेशान था। फिर भी उसने हार नहीं मानी और मेहनत करना जारी रखा। उसने गाँव में उपलब्ध सुविधाओं का इस्तेमाल किया और पढ़ाई की।
धीरे-धीरे वह अपने सपने की ओर बढ़ता गया। उसने मेहनत करके मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए और एक अच्छे कॉलेज में दाखिला पाया।
अपनी मेहनत, लगन और संघर्ष के बावजूद, राहुल ने अपना सपना पूरा किया। वह डॉक्टर बन गया और अब वह अपने गाँव के लोगों की सेवा कर रहा है। उसकी मेहनत और संघर्ष ने उसे उसके सपनों तक पहुंचाया।
जब दीपावली का त्योहार आया, तो गाँव के बच्चे बड़ी उत्साह से तैयारी कर रहे थे। उनके पास अपनी खुद की कई नई चीजें बनाने की सोच थी। गाँव में एक बच्चे का नाम था राजू। राजू को बड़ी उम्मीद थी कि उसकी दीपावली की लकड़ी के दीपक बहुत ही अलग और खास होंगे।
राजू ने पुरानी चीज़ों को प्रयोग करके बहुत ही अद्वितीय दीपक तैयार किए। वे बने थे एक ऐसे खास दीपक, जिनमें रंग-बिरंगे रंगों के चमकते हुए पैटर्न थे। वे दीपावली की रात पर उनके घर को अद्भुत बना देते थे।
दीपावली के दिन, सभी बच्चे खुश थे और उनके चेहरों पर खुशियों की मुस्कानें थीं। लेकिन राजू का दीपक बहुत ही अनूठा था। जब वे उसे जलाने लगे, तो वो खूबसूरत रंगों की रोशनी बिखेरने लगा। लोगों ने देखा और हैरान होकर रुके रह गए।
वह दीपक सभी को बहुत अच्छा लगा, लेकिन कुछ लोगों ने राजू से पूछा, “तुम्हारा दीपक इतना अलग क्यों है?”
राजू ने मुस्कान से उत्तर दिया, “मैं चाहता था कि दीपावली के त्योहार पर सभी को याद रहे और यह दीपक मेरे विचारों को दर्शाए। हर रंग एक-दूसरे को सम्मिलित करके एकता का संदेश दे रहा है।”
उस दिन सभी लोग राजू के दीपक को बड़ी तारीफ से देख रहे थे। राजू ने दिखाया कि सोच और विचारधारा से बनी चीजें कितनी खास होती हैं। उसका दीपक नहीं सिर्फ रोशनी देने के लिए था, बल्कि एक संदेश भी था। वह दीपावली को और भी खास बना दिया।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि अपनी सोच और विचारधारा से हम किसी भी चीज़ को अद्वितीय और अलग बना सकते हैं। एक अद्भुत विचार और मेहनत से हर कठिनाई को आसानी से पार किया जा सकता है।
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